NOT KNOWN DETAILS ABOUT PARINAAM KI DUNIYA

Not known Details About Parinaam Ki Duniya

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इस युद्ध में दोआब के रोहिला अफगान और अवध के नवाब शुजा-उद-दौला ने अहमद शाह अब्दाली का साथ दिया।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से भीं डॉग पालना एक अच्छा विकल्प है.

प्राचीन रोमन एवं यूनानी साहित्‍य का पुनरुत्‍थान– सांस्‍कृतिक पुनरुत्‍थान की विशेषता यह थी कि नवीन जागरण से यूरोप में रोमन और यूनानी साहित्‍य का अध्‍ययन हुआ। मध्‍य युग में प्राचीन साहित्‍य का अध्‍ययन हुआ,लेकिन मध्‍ययुगीन विद्वानों का दृष्टिकोण अत्‍यन्‍त सीमित और सं‍कुचित था। वे कैथोलिक सिद्धान्‍तों पर ज्‍यादा जोर देते थे। मध्‍य युग में प्राचीन साहित्‍य को मूल शुद्ध रूप में प्रस्‍तुत नहीं किया गया। इस युग में लेटिन लेखक वर्जिल, सिसरों और सीजर थे। आधुनिक युग में यूनानी ग्रन्‍थों का अनुवाद किया गया जिसमें अरस्‍तू और प्‍लेटों आदि यूनानी लेखक लोकप्रिय थे।

स्वास्थ्य समस्याएं भी गरीबी का कारण बन सकती हैं। उचित Parinaam Ki Duniya स्वास्थ्य सेवाओं के बिना, लोगों पर अधिक वित्तीय बोझ पड़ने का जोखिम हो सकता है।

पानीपत के तीनों युद्धों में जो सबसे महत्त्वपूर्ण बात सामने आती है, वह यह है कि विवाद या युद्ध का कारण पानीपत शहर कभी नहीं रहा।

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आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;यूरोप शक्तियों का भारत मे आगमन

भौतिक शिक्षा का विकास- मध्‍य युग में शिक्षा का विकास हुआ। पहले शिक्षा चर्च के नियन्‍त्रण में थी। शिक्षा का लौकिकीकरण हुआ।

पानीपत के तृतीय युद्ध के कारणों एवं परिणामों का उल्लेख कीजिए।

व्‍यक्तिवाद का विकास- मानववादी विचारधारा व्‍यक्तिवादी थी। उन्‍होनें विनम्रता के गुणों को बताया था। वे भौतिकवादी थे उनके जीवन में नैतिकता का कोई मूल्‍य नहीं था। जीवन के सुखों को अधिक से अधिक इस्‍तेमाल किया। शक्ति के लिये संघर्ष में नैतिकता का कोई मूल्‍य नहीं है। उपनिवेशों में भी भौतिकतावादी और उपयोगितावादी संस्‍कृति काप्रचार किया।

इस युद्ध के बाद हमारे देश भारत के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन अंग्रेजी सत्ता के हित में होने लगे।

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गरीब छात्रों के लिए सस्ती और उचित शिक्षा तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए। सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक निवेश करना चाहिए और बच्चों के लिए शिक्षा के लिए विशेष कार्यक्रम और छात्रवृत्तियां प्रदान करनी चाहिए, ताकि गरीब छात्र भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें।

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